15 अगस्त 1947 को भारत, ब्रिटिश रूल से आजाद हो गया, लेकिन देश का सबसे छोटा राज्य, गोवा अब भी पुर्तगालियों के अधीन था। स्थानीय लोग अब भी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे थे और 18 जून 1946 को इस संग्राम की ज्वाला और तेज हो गई, जब डॉ. राम मनोहर लोहिया और डॉ. जुलियाओ मेनेजेस इसका हिस्सा बने। साल 1961 में 17 दिसंबर को भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के नेतृत्व में इंडियन आर्म्ड फोर्सेज और पुर्तगाली सेना में युद्ध शुरू हुआ और भारतीय सेना ने 48 घंटों के भीतर, गोवा को पुर्तगाली शासन से आजाद कर दिया। और इस तरह लगभग 450 सालों तक पुर्तगालियों के शासन में रहने वाले राज्य गोवा, ने 19 दिसंबर 1961 को अपना पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया और इस साल गोवा अपना 61वां मुक्ति दिवस मना रहा है। आज का दिन न सिर्फ गोवा, बल्कि इससे सटे महाराष्ट्र के लिए भी बहुत खास है। क्योंकि 88 साल पहले, सन 1934 में महाराष्ट्र की उस प्रतिभा का जन्म हुआ था, जो 25 जुलाई, 2007 को भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं।
गोवा का नाम सुनते ही, हमारे दिमाग में एक ऐसा सिनेरियो बनता है, जिसमें आप एक बहुत सुंदर बीच पर हैं, आसपास नारियल के पेड़ लहरा रहे हैं और चारों ओर फैली रेत, सूरज की रोशनी में चमक रही है। शायद आपको पता हो, कि राज्य का ज्यादातर हिस्सा जंगल और पेड़ों से ढका हुआ है, न कि रेत और समुद्री तट से। क्रिसमस मंथ चल रहा है, और आप में से, कई लोग गोवा का टूर प्लान कर चुके होंगे। रिजॉर्ट, बीच, वाटर स्पोर्ट्स, नाइटलाइफ़, कार्निवल और ट्रांस पार्टियों के लिए फेमस गोवा, आज भारत की टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक है, और यही कारण है कि भारत के इस सबसे छोटे राज्य की प्रति व्यक्ति आय, पूरे भारत में सबसे ज्यादा है। एशिया का एकमात्र Naval Aviation Museum भी गोवा में है। अगर आप, एशिया के सबसे बड़े फ्लोटिंग कैसिनो का दीदार करना चाहते हैं, तब भी आपको गोवा जाना होगा। पिछले कुछ समय से पूरे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड सुर्खियों में है, लेकिन गोवा एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पहले से ही यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है। राज्य में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई सहित सभी धर्मों और संप्रदायों में विवाह, तलाक, उत्तराधिकार जैसे सभी मामलों में समान कानून लागू होता है। गोवा की एक और दिलचस्प बात यह है कि वहां पर एक ऐसा चर्च है, जहां एक ईसाई संत फ्रांसिस जेवियर की डेड बॉडी पिछले 450 सालों से सहेज कर रखी हुई है। माना जाता है कि इस बॉडी में कई दिव्य शक्तियां मौजूद हैं! हर 10 साल के बाद इसे लोगों के दर्शन के लिए रखा जाता है, पिछली बार साल 2014 में लोगों ने इसके दर्शन किए।
B-आज का दिन महाराष्ट्र और राजस्थान की राजनीति में अहम रोल निभाने वाली एक शख्सियत की याद दिला रहा है, जो 8 नवंबर 2004 से 21 जून 2007 तक राजस्थान की राज्यपाल रही। हम बात कर रहे हैं नदगाँव में जन्मी Smt. Pratibha Devisingh Patil की, जिन्होंने 27 साल की छोटी उम्र में, जलगाँव विधानसभा क्षेत्र से महाराष्ट्र राज्य विधानमंडल के लिए अपना पहला चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा। और आज तक उन्होंने एक भी चुनाव नहीं हारा। प्रतिभा पाटिल जी के शब्द हैं कि अक्सर, हम दूसरों को Blame करने में बहुत तेज होते हैं, लेकिन उस बारे में एक इफेक्टिव और यूजफुल response देने में असमर्थ होते हैं। क्या हमें अपने लोगों की ताकत और अपनी संस्थाओं पर भरोसा नहीं है? भ्रष्टाचार, विकास और सुशासन का दुश्मन है, इसका अंत जरूरी है। द रेवोल्यूशन - देशभक्त हिंदुस्तानी प्रतिभा पाटिल जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं देता है। मैं, सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि गोवा की तरह, पूरे भारत में सुंदर प्राकृतिक स्थल हैं, अगर सरकार, गोवा की तर्ज पर अन्य राज्यों में भी टूरिज्म को बढ़ाने और प्राचीन स्थलों को सहेजने का प्रयास करती है, तो निस्संदेह उन राज्यों में भी टूरिज्म, आय का एक बड़ा जरिया बन सकता है।